Monday, December 6, 2010

नहीं आसाँ तो मुश्किल ही सही

नहीं आसाँ तो मुश्किल ही सही
मुझको मोहब्बत है' तुम से ही

नाज़ है तुम्हें' थोड़ा ग़ुरूर मुझे
मैंने दिल लगाया है' तुम से ही

आज न पिघला तो कल पिघलेगा
यह बात हम सुनेंगे' तुम से ही

आज दूरियाँ हैं तेरे-मेरे बीच
ज़रूर कल मिलेंगे' तुम से ही

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