तुम कह देना कोई ख़ास नहीं..
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा..
एक झूठ है आधा सच्चा सा..
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस..
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा..
जीवन का एक ऐसा साथी है..
जो दूर हो के पास नहीं..
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं..??
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं..
हवा का एक सुहाना झोंका है..
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा..
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले..
कभी अपना तो कभी बेगानों सा..
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र..
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं..
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं..??
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं..show
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बहुत खूब!
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क्रिएटिव मंच आप को हमारे नए आयोजन
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आभार